श्रीराम की परीक्षा लेने के बाद शिव ने सती का त्याग कर दिया
यूपी, बस्ती। नगर थाना क्षेत्र के पोखरा पोखरनी मार्ग पर स्थित गोयरी सम्मय माता मन्दिर पर चल रही श्रीराम कथा के तृतीय दिवस में कथा व्यास महन्थ श्री गिरिजेश दास जी महाराज (पोखरा सरकार )ने श्रद्धालुओं को माता पार्वती का जन्म प्रसंग सुनाया । उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम की माता सीता के रूप में परीक्षा लेने के बाद भगवान शिव ने माता सती का त्याग कर दिया था ।
भगवान शिव ने संकल्प लिया कि इस शरीर से अब वह सती को पत्नी के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे । निराश होकर शिवजी के वियोग में माता सती ने पिता दक्ष प्रजापति के यज्ञ में अपनी शरीर का त्याग कर दिया था। पुनः माता सती ने पार्वती के रूप में राजा हिमांचल के घर पर जन्म लिया।
जन्म के बाद हिमांचल के घर में खुशियो का ठिकाना न रहा।
चारों तरफ बधाइयाँ बजने लगी। राजमहल में आनन्द का माहौल हो गया।
इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य यजमान श्रीराम गौड व उनकी धर्मपत्नी शान्ति देवी, सीताराम,कक्कू शुक्ला,सौरभ उपाध्याय, सूर्यनाथ चौधरी, बडडे चौधरी, पूर्णमासी गौड, अवनीश शुक्ला, विवेकानन्द, रामायणी, नितिन पाठक, शुभम, भुवाल तिवारी, श्याम,विकास, सीमा, गुडिया, मधू, पूनम,लक्ष्मी, लीलावती सहित अन्य श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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