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डॉ. राम कृष्ण लाल ‘जगमग’ को साहित्य वाचस्पति सम्मान

 


बस्ती ।  वरिष्ठ कवि डॉ. राम कृष्ण लाल ‘जगमग’ के साहित्यिक योगदान के लिये उन्हें ‘साहित्य वाचस्पति’ पुरस्कार से अलंकृत किया गया। दिल्ली में आयोजित अन्तराष्ट्रीय कवि सम्मेलन के क्रम में  हिन्दी अकादमी और समग्र चेतना दिल्ली की ओर से वरिष्ठ कवि डॉ. विजय किशोर मानव और डॉ. राधेश्याम बंधु ने अंग वस्त्र और प्रमाण पत्र देकर डा. जगमग को सम्मानित किया। पिछले पांच दशक से साहित्य के क्षेत्र में निरन्तर सक्रिय और ‘चाशनी’ से लेकर ‘ किसी की दिवाली किसी का दिवाला’ विलाप खण्ड काव्य, ‘हम तो केवल आदमी है’ ‘ सच का दस्तावेज’ खुशियों की गौरैया, ‘बाल सुमन’ बाल स्वर, आदि कृतियों के रचयिता डॉ. जगमग कृत चांशनी का अब तक 6 संस्करण प्रकाशित हो चुका है।
डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ को ‘साहित्य वाचस्पति’ पुरस्कार से अलंकृत किये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये चिकित्सक एवं साहित्यकार डा. वी.के. वर्मा ने कहा कि डॉ. जगमग का रचना संसार जन सरोकारों से जहां सीधा जुड़ा है वहीं उनके कटाक्ष और तीखे व्यंग्य श्रोताओं की जुबान पर चढ़े हुये है। उनका सम्मानित होना साहित्य प्रेमियों के लिये गौरव का क्षण है। वरिष्ठ कवि महेश प्रताप श्रीवास्तव, विनोद उपाध्याय ने कहा कि डॉ. जगमग से साहित्य जगत को बहुत अपेक्षायेें हैं, निश्चित रूप से वे इस पर खरा उतरेंगे।
सम्मान से अभिभूत डा. जगमग ने कहा कि उन्होने जिस तरह से जीवन को देखा उसे शव्दों में उतार दिया. यह क्रम अनवरत जारी है। पुरस्कारों से और बेहतर सृजन की क्षमता मिलती है।  हिन्दी अकादमी और समग्र चेतना दिल्ली द्वारा मिला सम्मान उनके लिये महत्वपूर्ण है।
डॉ. राम कृष्ण लाल ‘जगमग’ को सम्मानित किये जाने पर ज्ञानेन्द्र द्विवेदी ‘दीपक’  डा. त्रिभुवन प्रसाद मिश्र, श्याम प्रकाश शर्मा, बी.के. मिश्र, डा. अफजल हुसेन ‘अफजल’, पेशकार मिश्र, अर्चना श्रीवास्तव, दीपक सिंह प्रेमी, शाद अहमद शाद, जगदम्बा प्रसाद ‘भावुक’ डा. अजीत श्रीवास्तव, डॉ. हेमा पाण्डेय, सागर गोरखपुरी, डा. आर.जी. सिंह आदि ने प्रसन्नता व्यक्त किया है।

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