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Mau: कृषि विज्ञान केंद्र पिलखी में प्रशिक्षण कार्यशाला हुईं आयोजित, ड्रिप इरीगेशन और स्प्रिंकलर सिंचाई की दी गई जानकारी



जल संरक्षण के साथ प्राकृतिक संसाधन की रक्षा एवं किसान के खेती में व्यय को कम करने के उद्देश्य से उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र पिलखी मऊ  में किसानों की प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई । इस कार्यशाला में "पर ड्रॉप मोर क्रॉप" माइक्रो इरिगेशन योजना में ड्रिप इरिगेशन, मिनी और पोर्टेबल स्प्रिंकलर की  सिंचाई विधि के बारे में विस्तार से किसानों को अवगत कराया गया। प्रशिक्षण सत्र का शुभारंभ कृषि विज्ञान केंद्र,पिलखी के अध्यक्ष डॉ विनय कुमार सिंह, वरिष्ठ समाजसेवी दिग्विजय नाथ सिंह, देवेंद्र प्रसाद मिश्र एवं शंभू नाथ सिंह द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। किसानों को संबोधित करते हुए डॉ विनय कुमार सिंह द्वारा कम लागत में  अधिक मुनाफा की  खेती कैसे की जाए और साथ ही साथ जल संरक्षण कैसे किया जाए, इस बारे में किसानों को ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति की स्थापना से जोड़कर जानकारी दी गई। इस कार्यशाला में कोपागंज, रानीपुर, रतनपुरा, परदहा, घोसी, फतहपुर मंडाव एवं मोहम्मदाबाद विकासखंड के 50 लाभार्थी किसानों ने प्रतिभाग किया। प्रशिक्षण में कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर अंगद प्रसाद , डा हिमांशु द्वारा आम, अमरूद के बागों में ड्रिप सिंचाई के प्रयोग, डॉ पी डी सिंह द्वारा मृदा स्वास्थ्य सुरक्षा में ड्रिप और स्प्रिंकलर के माध्यम से उर्वरक प्रयोग का संतुलन करने, डा आकांक्षा सिंह द्वारा खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता में जल की शुद्धता के महत्व एवं डॉ सुमित गुप्ता द्वारा पौधों के रोग व्याधि नियंत्रण में फवारा विधि सिंचाई के बहु आयामी उद्देश्यों पर जानकारी प्रदान की गई । जिला उद्यान अधिकारी संदीप कुमार गुप्त द्वारा बताया गया कि जनपद में वर्ष 2025- 26 से एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना प्रारंभ हो रही है जिसमें किसानों को नई फसलों ड्रैगन फ्रूट ,स्ट्रॉबेरी, कटहल अंजीर आदि फलों के बागवानी लगाने हेतु भी अनुदान दिया जाएगा,साथ ही ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई की विभिन्न पद्धतियों की स्थापना करने पर उसकी लागत का मात्र 10% से लेकर 25% तक ही देना पड़ता है तथा सिस्टम की स्थापना के उपरांत लगभग ₹20000 से 130000 रुपए तक की अनुदान राशि कार्यक्रम और क्षेत्रफ़ल अनुसार कंपनी को सरकार द्वारा प्रदान कराई जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदित कंपनी के प्रतिनिधि संजय सिंह द्वारा जल संरक्षण हेतु तथा उर्वरक एवं कृषि रक्षा रसायन के संतुलित मात्रा में ड्रिप के माध्यम से प्रयोग करने से खेती में उत्पादन में 20% तक की वृद्धि एवं लगभग 25 से 50 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर लागत कम करने के बारे में जानकारी दी गई। जिला उद्यान अधिकारी ने गन्ने की फसल में ड्रिप के प्रयोग से होने वाले आर्थिक बचत एवं सह फसली खेती करते हुए खेती को दोगुनी लाभकारी बनाने के लिए जनपद के गन्ना किसानों को ड्रिप सिंचाई से जुड़ने का आवाहन किया। योजना प्रभारी अरुण कुमार यादव  ने  प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई  योजना में  पर ड्रॉप मोर क्रॉप माइक्रो इरिगेशन कार्यक्रम में 90  प्रतिशत तक अनुदान और योजना में पंजीकरण के साथ  योजना का लाभ वो कैसे लेंगे, इस बारे में बताया गया। इसके साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में स्थापित ड्रिप सिंचाई और स्प्रिंकलर सिंचाई को डेमो चलवा कर लाइव प्रदर्शन भी दिखाया गया। इसके पार्ट्स और प्रयोग किसान कैसे करेंगे इन सब के बारे में कंपनी प्रतिनिधि इंद्र प्रताप पांडे, सूरज पटेल द्वारा प्रायोगिक जानकारी दी गई।  इसके साथ ही पूरे देश और प्रदेश में जल संरक्षण का जो अभियान चल रहा है इसमें हम अपनी योजना के माध्यम से कैसे  सहयोग कर सकते हैं, इसके बारे में भी किसानों को समझाया गया।प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षण कार्यक्रम में उद्यान निरिक्षक अरुण कुमार यादव,मिथिलेश कुमार सिंह, विकासखंड प्रभारी चंद्रभान, सुनील कुमार गुप्त , बालजीत, राजकुमार,  अमरनाथ यादव, सहित कृषक उपस्थित रहे।

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