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Ballia: दागी विद्यालय को जिम्मेदारों ने बना दिया परीक्षा केंद्र, स्पष्ट शासनादेश को दिखाया ठेंगा, मामला पहुंचा लखनऊ

उत्तर प्रदेश सरकार एक तरफ हाई स्कूल और इंटर के परीक्षा में पारदर्शिता रखते हुए नकल विहीन परीक्षा कराने का दावा कर रही है वहीं दूसरी तरफ बलिया में एक दागी विद्यालय को परीक्षा केंद्र बना देने का मामला सामने आया है। आपको बता दे की योगी सरकार का सख्त आदेश/निर्देश है कि दागी विद्यालयों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जा सकता है लेकिन जिन अधिकारियों के कंधों पर इसकी जिम्मेदारी दी गई है उन्हीं के मिली भगत से दागी विद्यालय को परीक्षा केंद्र बनाने का आरोप है।

पूर्व में एफआईआर की कॉपी---

शिकायतकर्ता की शिकायत---

मामला बलिया जनपद के बाबू बनवारी जी शिव सागर राम प्रजापति इंटर कॉलेज, देवरिया खारी का है जिसका विद्यालय कोड 1209 है। दरअसल इस मामले की शिकायत शिकायतकर्ता राकेश कुमार ने महानिदेशक माध्यमिक शिक्षा लखनऊ उत्तर प्रदेश को लिखित में पत्र भेज कर किया है यही नहीं शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत बलिया डीएम समेत शासन स्तर तक की है। शिकायतकर्ता ने शिकायती पत्र के माध्यम से बताया है कि बाबू बनवारी इंटर कॉलेज द्वारा "28 मार्च 2017 को रसायन विज्ञान द्वितीय प्रश्न पत्र में परीक्षा से पूर्व ही प्रश्न पत्र आउट कर दिया गया था जिसको तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा सेक्टर मजिस्ट्रेट को भेज कर विद्यालय के प्रधानाचार्य, लिपिक, प्रबंधक, परिचारक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए जेल भेज दिया गया था और इसी दागी विद्यालय को परीक्षा केंद्र बना दिया गया है।" जबकि एफआईआर की कॉपी संलग्न करते हुए 12 नवंबर 2024 को सभी अधिकारियों को रजिस्टर्ड डाक द्वारा अवगत करा दिया गया था किंतु इसके बावजूद भी उप जिलाधिकारी रसड़ा, जिला विद्यालय निरीक्षक बलिया द्वारा तथ्य गोपन करते हुए और पैसे के बल पर इस केंद्र को नहीं निरस्त किया गया और जिला अधिकारी बलिया से भी तथ्य गोपन करते हुए विद्यालय को केंद्र बनाने में उप जिला अधिकारी रसड़ा एवं जिला विद्यालय निरीक्षक बलिया सफल होगए जबकि शासन द्वारा प्रश्न पत्र प्रकटन वाले विद्यालय को परीक्षा केंद्र नहीं बनाने का स्पष्ट शासनादेश है। इसके बावजूद भी पैसा शासनादेश पर भारी पड़ा है। शिकायतकर्ता ने शासन और प्रशासन से अपील किया है के इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कर कर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए।

शासन का शपष्ट निर्देश---
अब देखना होगा कि इस मामले में शासन और प्रशासन स्तर से किस तरह की पारदर्शिता रखते हुए जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जाती है या फिर इस दागी विद्यालय को योगीराज में यूपी बोर्ड का केंद्र बनने की हरी झंडी दे दी जाती है।
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