Ballia: खाली कुर्सियों के सामने, अल्ताफ राजा ने बांधा समा
बलिया: बड़े किस्से सुने है बलिया के ऐतिहासिक ददरी मेला के। मेले में बच्चो की जिद्द और भारतेंदु मंच के सामने बिजुर्गो और युवाओं ताली। हर किसी के यादों से जुड़ा है ददरी मेला। कहा जाता है यह ददरी मेला किसानों और बलिया के व्यापारियों से एक धरोहर है। लेकिन आज ये धरोहर अपने अस्तित्व को बचाने के लिए खुद से लड़ रहा हैं। बीते कुछ सालों से किसानों की कमर टूट रही है, व्यापारी दम तोड़ रहे है और भरतरन्दु मंच शर्मसार हो रहा है। ददरी मेला नेताओं और अधिकारियों के लिए अवैध धनउगाही का हब बन गया है पैसा अर्जित करने का मानो साधन बन गया है। जिसका जीता जागता तस्वीर 2024 में भी देखने को मिल रहा है। ऐतिहासिक ददरी मेले के अस्तित्व के साथ खिलवाड़ करने में कोई कोर कसर नही छोड़ा गया है। बलिया में एक समय ऐसा था जब ट्रिपल इंजन की सरकार बन गयी लेकिन कहते है वख्त एक जैसा नही होता है लोकसभा सभा चुनाव में ट्रिपल इंजन की सरकार ने दम तोड़ दिया और डबल इंजन की सरकार बन गयी। बलिया में सबसे घटिया राजनीति के भेट चढ़ गया बलिया का ऐतिहासिक ददरी मेला नतीजन ट्रिपल इंजन की सरकार में शामिल होने वाले भाजपा नेता व बलिया नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष सन्त कुमार मिठाई लाल ने हाथ खड़ा कर लिया और सारे बड़े बड़े दावे ठंडे पानी मे डाल दिया नतीजन मेले की जिम्मेदारी जिला प्रशासन ने अपने हाथ मे लिया और तस्वीर सबके सामने है, जहां भारतेंदु मंच के सामने लगने वाली कुर्सियां कलाकारों के सामने खाली दिखने लगी भारतेंदु मंच त्राहिमाम -त्राहिमाम करने लगा जब 01 दिसम्बर 2024 को सायं 8:00 बजे आयोजित कव्वाली नाइट में देश के माने जाने गायक अल्ताफ रजा ने शिरकत किया और सामने कुर्सियां खाली रही। चंद लोगो के बीच कुछ खाकी वर्दी में बैठे लोग मानो प्रशासन की इज्जत बचाने में लगे हुए थे। अल्ताफ राजा ने अपनी आवाज दूर तक पहुंचाने का प्रयास किया, खाली कुर्सियों के सामने अपने गीतों से समा बाधा, मंच को नमन किया और सम्मान पूर्वक सम्मान लेकर वापस लौट गए लेकिन तस्वीरों में भारतेंदु मंच के सम्मान को अपमानित करने में जिम्मेदारों ने कोई कोर कसर नही छोड़ा न कोई वाह-वाह करने वाला दिखा न तालियों की गड़गड़ाहट गूंजी अंततः जिसम्मेदारो के सामने खामोश कुर्सियों ने भी ठंड में दम तोड़ दिया और अचानक चारो तरफ सन्नाटा फैल गया।
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