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मऊ में आप कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष विक्रम जीत सिंह के नेतृत्व में सौंपा ज्ञापन



यूपी: आज जिला कलेक्ट्रेट मऊ  में आम आदमी पार्टी मऊ के कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष विक्रम जीत सिंह के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों बंद करने के विरोध में धरना प्रदर्शन एवम ज्ञापन दिया गया। 

जिलाध्यक्ष विक्रम जीत सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश की डबल इंजन सरकार शिक्षा,स्वास्थ्य,विकास की बात नहीं करती बल्कि वह बटने एवम बाटने की बात कर रही है।आज हमलोग कई सरकारी स्कूल का दौरा किए जिसमे कलेक्ट्रेट के बगल में बकवल कंपोजीट विद्यालय में ही बाउंड्री वॉल नही है और कक्षा 8 तक के बच्चों के लिए सिर्फ 3 शिक्षक और एक शिक्षा मित्र है।शौचालय की हालत खराब है।ज़िला मुख्यालय के बगल में यह हालत है तो अन्य स्थानों पर इससे भी बुरा होगा।आजादी के 75 साल बाद आज तक कोई सरकार आम जनता के शिक्षा स्वास्थ्य व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया है। आम आदमी पार्टी दिल्ली में समाज के अंतिम व्यक्ति के लिए बेहतरीन शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़के,महिलाओं को फ्री यात्रा,फ्री बिजली–पानी तमाम मूलभूत सुविधाओं को देकर के उनको समाज के मुख्य धारा में लाने का काम कर रही है। वहीं डबल इंजन की सरकार आम जनता के  मुश्किलों को बढ़ाने का काम कर रही है आपने देखा की उत्तर प्रदेश की सरकार नहीं चाहती कि देश के प्रदेश के आम जनता समाज का अंतिम व्यक्ति समाज के मुख्य धारा में समान जीवन स्तर की सके इसके लिए इनका बहुत बड़ा षड्यंत्र है। इस सरकार में अमीर और अमीर होता चला जा रहा है गरीब लगातार गरीबों की दलदल में धंसता चला जा रहा है। गरीबों के लिए दलितों के लिए पिछड़ों के लिए समाज के मुख्य धारा में आने के लिए जीवन स्तर को बेहतर करने के लिए एकमात्र रास्ता शिक्षा को है। 

पुष्पेंद्र राणावत ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21a में समान शिक्षा का अधिकार दिया गया है लेकिन यह डबल इंजन की सरकार नहीं चाहती कि समाज के गरीब दलित पिछड़े समाज के मुख्य धारा में आए इसके लिए इन्होंने 2020 तक 26000 सरकारी स्कूलों को बंद कर चुके हैं उनकी योजना है आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश के 27000 स्कूलों बंद कर दिया जाएगा, सरकार इसलिए स्कूल बंद करना चाहती हैं की सामाजिक असमानता बनी रहे, समाज में आर्थिक विषमता बनी रहे। इसलिए सरकारी स्कूलों को बंद करना चाहती है। जहां दिल्ली की सरकार सरकारी स्कूलों को विश्व स्तरीय बना करके आम जनता के जीवन स्तर को बेहतर कर रही है,वहीं डबल इंजन की सरकार उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों को जर्जर हालत में करती चली जा रही है छतें टूटी हुई है,प्लास्टर टूटा हुआ है, स्कूलों में शौचालय नहीं है,कीचड़ से भरे हुए रास्ते हैं। अनेक स्कूलों में पानी बिजली नहीं है। परिवार और देश का भविष्य बच्चों में है कौन मां-बाप अपने बच्चों को जर्जर स्कूलों में पढ़ना चाहेगा। ज़िला उपाध्यक्ष अभय यादव ने कहा  संविधान में यह प्रावधान है की सरकारी स्कूल के 1 किलोमीटर के दायरे में इसी प्राइवेट स्कूल को मानता नहीं दी जानी चाहिए लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार सिर्फ पूंजीपतियों के लिए काम करती है।

 अंकुर यादव  ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 75000 सरकारी स्कूल हैं जिसमें से 7000 से ज्यादा प्राइवेट स्कूल नेताओं के सरकार इन बड़े-बड़े नेताओं को और मजबूती देने के लिए सरकारी स्कूलों को बंद कर रही है। *महासचिव एके सहाय ने कहा कि*  उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों की अगर बात करें तो 29 परसेंट स्कूलों में शौचालय नहीं 30% से ज्यादा स्कूलों में साठे के प्लास्टर फर्श टूटी हुई है 35% विद्यालयों में खिड़की दरवाजे टूटे हुए हैं 280 से ज्यादा ऐसे स्कूल है जहां बिजली ही नहीं है लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में 99% स्कूल परफेक्ट 129 स्कूल ऐसे हैं जिसमें शिक्षक ही नहीं है शिक्षामित्र के सहारे स्कूल चलाए जा रहे हैं 708 स्कूल ऐसे हैं जिसमें मात्र एक शिक्षक हैं जबकि भारतीय संविधान में के प्रावधान है की 35 बच्चों पर एक शिक्षक होगा लेकिन यहां उत्तर प्रदेश में 100 बच्चों पर भी एक शिक्षक नहीं एक ही कमरे 5 5 कक्षाएं चलाई जा रही है। आज के कार्यक्रम में अवधेश मौर्य,अंकुर यादव,इकबाल अहमद,मनोज कुमार,अमित सिंह,महेंद्र कुमार,संजय राजभर आदि साथी शामिल रहे।

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