आरटीआई को लेकर जागरूकता की जरूरत, गोष्ठी में हुआ विमर्श
प्रेस क्लब में हुई गोष्ठी, समाचार माध्यमों से आरटीआई क्षेत्र में पहल की अपील
आरटीआई कार्यकर्ताओं व पत्रकारों में समन्वय की जरूरतबस्ती, 03 नवम्बर। बाधा रहित सूचना के प्रवाह तथा पत्रकारिता के लिए सूचना का अधिकार की उपयोगिता एवं अधिनियम को संरक्षित रखने को लेकर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमे सूचना आवेदकों तथा पत्रकार के बीच एक समन्वय स्थापित कर भ्रष्टाचार, पर्यावरण प्रदूषण, जल, वायु, मृदा प्रदूषण से लेकर मानवाधिकार हनन तक के संबंध में सूचनाओं को शासकीय कार्यालयों से बाहर निकालकर का आम जनमानस तक पहुंचाने हेतु सार्थक प्रयास करने पर जोर दिया गया।
पत्रकारिता जगत में आर टी आई का उपयोग न करने पर चिंता जताते हुए सामाजिक कार्यकर्ता, अधिवक्ता देवेश मणि त्रिपाठी ने कहा आज पत्रकारिता जगत में जिस प्रकार पर्यावरण प्रदूषण, घटते बन क्षेत्र, प्रदूषित नदियों व मृदा, शासकीय कार्यों में अनवरत बढ़ते भ्रष्टाचार, पुलिस प्रशासन द्वारा आम नागरिकों के साथ किए जा रहे अमानवीय कृत्यों से संबंधित पर्याप्त सूचनाओं के अभाव का मूल कारण आर टी आई की जानकारी का अभाव है। देवेश मणि त्रिपाठी ने कहा आज सबसे जरूरी है कि पत्रकारिता जगत से जुड़े प्रत्येक बैनर आर टी आई का प्रयोग करें तथा आर टी आई के क्षेत्र से जुड़े लोगों तथा पत्रकारिता क्षेत्र से जुड़े लोगों के बीच एक बेहतरीन समन्वय स्थापित करने के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म का होना जरूरी है
जो भी सूचनाएं आर टी आई के माध्यम से प्राप्त हो वह आसानी से पत्रकारों के पहुंच में हो जिससे जनहित में उन सूचनाओं का उपयोग हो सके। त्रिपाठी ने कहा कि आज पर्यावरण प्रदूषण एवं मानवाधिकार हनन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सभी को मिलकर कार्य करने के संबंध में यथाशीघ्र एक विचार गोष्ठी करने हेतु अनुरोध किया तथा सरकार द्वारा सूचना का अधिकार को धीरे धीरे कमजोर किए जाने पर भी लोगो से विचार करने पर अनुरोध किया। देवेश मणि त्रिपाठी, अवधेश कुमार मिश्र, सुदृष्टि नारायण त्रिपाठी, कृष्ण कुमार उपाध्याय, उमेश कुमार ने अपने विचार व्यक्त किया। मुख्य रूप से भानु प्रकाश चतुर्वेदी, महेंद्र सिंह, इंद्र कुमार दुबे, राजेंद्र उपाध्याय, सर्वेश श्रीवास्तव, सुशील श्रीवास्तव, दिनेश पांडे आदि लोग उपस्थित थे।
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