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पशुपतिनाथ से श्री गंगा कलश यात्रा की वापसी पर हुआ भव्य स्वागत

 


गंगा भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म की पहचान - जगदीश शुक्ल
बस्ती। श्री गंगा कलश यात्रा का पशुपतिनाथ से जलाभिषेक के उपरांत वापसी पर हरैया विकासखण्ड के तिनौता गांव में शनिवार को वरिष्ठ समाजसेवी जगदीश प्रसाद शुक्ल के नेतृत्व में भव्य स्वागत किया गया।
श्री गंगा कलश यात्रा की अगुवाई कर रहे गंगोत्री धाम के रावल शिवप्रकाश महाराज ने बताया कि गंगोत्री धाम के पटाक्षेप के दिन प्रत्येक वर्ष गंगा जी का दिव्य कलश भरकर नेपाल के काठमांडू स्थित श्री पशुपतिनाथ मंदिर पर पहुंचाया जाता है जो कि विश्व का सबसे बड़ा कलश है जिसकी क्षमता 1100 लीटर से ज्यादा है। इस बड़े कलश के जल से वर्ष पर्यंत श्री पशुपतिनाथ जी का जलाभिषेक किया जाता है। कहा कि जल से भरे कलश को एक स्पर्श करने मात्र से ही श्री पशुपतिनाथ जी को साल भर जलाभिषेक करने के बराबर फल मिलता है। जगदीश प्रसाद शुक्ल ने कहा कि गंगा भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म की पहचान है। श्री गंगा कलश यात्रा का स्वागत करना हम सभी के लिए सौभाग्य का विषय है।
  इस अवसर पर पं. धरणीधर मिश्र, लक्ष्मीकान्त ओझा, अम्बिका प्रसाद ओझा, माधव दास ओझा, शिव बहादुर ओझा,  उमाकांत तिवारी, इंद्रा ओझा, विंदेश्वरी ओझा, अर्जुन उपाध्याय, जगदंबा प्रसाद ओझा, कृपाशंकर ओझा, प्रेम शंकर ओझा, संतोष कुमार शुक्ल, शिव शंकर शुक्ल, अमरनाथ शुक्ल, विवेक कान्त पाण्डेय, रवीश कुमार मिश्र, वेद प्रकाश मिश्र, रत्नेश चौहान, लवकुश ओझा, अंशू, प्रिंशू, देवांश आदि उपस्थित रहे
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