सरकारी स्कूल बंद किए जाने का विरोधः बस्ती में आप कार्यकर्ताओं ने की नारेबाजी, बोले- निजीकरण की साजिश
बस्ती: आम आदमी पार्टी जिलाध्यक्ष डॉ. राम सुभाष वर्मा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने सरकारी स्कूलों को बंद किए जाने के विरोध में लेकर शास्त्री चौक से नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश सरकार की ओर से 27 हजार सरकारी स्कूलों को बंद किए जाने की योजना सामने आई है। उन्होंने कहा कि 2020 तक बंद किए गए 26 हजार स्कूलों के बाद अब एक नया कदम है। सरकारी स्कूलों को बंद करने का आदेश न केवल सरकार की नीतियों को संदिग्ध बनाता है, बल्कि यह सीधे तौर पर गरीब, दलित और पिछड़े वर्ग के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से जानबूझकर सरकारी विद्यालयों के पास निजी विद्यालयों को मान्यता देने और उन्हें खोलने की नीति अपनाई जा रही है, ताकि सरकारी विद्यालयों में छात्रों की संख्या कम हो सके और उन्हें खोलने की नीति अपनाई जा रही है, ताकि सरकारी विद्यालयों में छात्र की संख्या कम हो सके और उन्हें बंद करने का रास्ता तैयार हो। उन्होंने कहा कि यह एक सुनियोजित साजिश प्रतीत होती है, जिसके अंतर्गत सरकारी विद्यालयों के पास निजी विद्यालयों की अनुमति दी जा रही है, जबकि नियमानुसार एक किलोमीटर की परिधि में ऐसे विद्यालयों को मान्यता नहीं दी जा सकती है। मांग किया है कि हर जनपद के हर ब्लॉक में ऐसे विद्यालयों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाए, जो सरकारी विद्यालयों के पास स्थित हैं और अवैध रूप से खोले गए हैं। इस दौरान राम सजन सूर्यवंशी, चंद्रभान कनौजिया, शिवनरायण, शेषपाल चौधरी, मिथिलेष भारती, अब्दुल क्यूम आदि मौजूद रहे।
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