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Ballia: थाने बुलाकर डॉक्टर और रियार्ड शिक्षक को दरोगा ने किया अपमानित, एएसपी ने लिया मामले का संज्ञान


बलिया: एक तरफ बलिया एसपी विक्रांत वीर जनता से दुर्व्यवहार और कर्तव्य का दुरुपयोग करने वाले पुलिसकर्मियों को निलंबित कर कार्यवाही कर रहे है वही दूसरी तरफ कुछ ऐसे पुलिस वाले है जो जनता की सुनने, उनको न्याय दिलाने के बजाय खाकी की क्षबी को धूमिल करने पर आमादा है या यूं कहें कि बलिया एसपी विक्रांत वीर का कोई खौफ उन्हें नही है। ये हम नही बल्कि एसपी कार्यालय अपनी फरियाद लेकर पहुंचे एक प्रतिष्ठित सरकारी मेडिकल कालेज के पीड़ित डॉक्टर ने कहा। देवरिया के मेडिकल कालेज में पिछले 3 साल से कार्यरत डॉ अमितेश कुमार यादव का आरोप है कि मेरा विवाद मेरे पाटीदार से था जिसके द्वारा मेरे जमीन में जबरिया छज्जा निकाला जा रहा था जिसका विरोध किया गया जिसके बाद विपक्षी पाटीदार थाने चला गया जहां थानेदार साहब के द्वारा हमे बुलाया गया। आरोप लगाया कि हमारी बात सुनने के बजाय दरोगा साहब मेरे साथ दुर्व्यवहार किये, मोबाइल छीन लिया, बिना जमानत वाले मुकदमे में फ़साने की धमकी दी गयी, घण्टो जमीन पर बैठा कर रखा गया। मुझे और मेरे दादा को जो प्रिंसपल के पद से हालही में रिटायर्ड हुए है, को भद्दी-भद्दी गालियां देने लगे बताया मैंने अपना परिचय दिया, बताया कि मैं एक सरकारी चिकित्सक हूं लेकिन एक न सुनी और धमकी देते हुए जबरजस्ती मेरे पिता जी से एक समझौता पेपर पर हस्ताक्षर करा लिया गया।
पीड़ित डॉक्टर ने बताया कि पुलिस के इस रवैया से मैं और मेरे दादा को काफी आघात पहुंचा है। दरोगा के द्वारा मुझे और मेरे पिता जी को सबके सामने अपमानित किया गया जिसकी शिकायत लेकर मैं एसपी से मिलने आया हूँ ताकि इसकी जांच कर ऐसे पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही हो। वही एसपी से मिलने के बाद बताया कि हमारी बातों को एएसपी द्वारा सुना गया और तत्काल रसड़ा के सीओ को फोन कर मामले की जांच करने को कहा, उम्मीद जताया कि फरियादियों के साथ इस तरह का व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मी पर कार्यवाही जरूर होगी हमे एसपी साहब पर भरोसा है, चुकी मैं भी एक सरकार के साथ मिल कर जनता की सेवा करता हूँ। पूरा मामला रसड़ा थाना अंतर्गत शाह मुहम्मदपुर का है।
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