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Ballia: ददरी मेला में डकैती का बड़ा खुलासा, रहे सावधान, एफआईआर कराने की तैयारी


बलिया: ऐतिहासिक ददरी मेला डकैतों के हवाले। मेले का जमीन बेचने वाले डकैत और जमीन खरीदने वाले भी डकैत। आप सोच रहे होंगे हम ऐसा क्यों कह रहे है। दरअसल हमारे कैमरे में जो कैद हुआ, वो आप का भी होश उड़ा देगा। दलालो और खुलेआम डकैतों की डकैती से भरा पड़ा है ददरी मेला। हालांकि इस बार मेला जिला प्रशासन अपने हिसाब से अपने देख रेख में करा रहा है। डकैती का पैसा किस-किस के पास पहुंच रहा है ये बताने की जरूरत नही है। दरअसल इसका पर्दाफाश तब हुआ जब मेले में आये एक झूला केंद्र पर झूले का टिकट बेचने वाले टिकट कलेक्टर को रंगे हाथ टिकट खरीदने वाले ग्राहक के साथ झोल कर डकैती करते हुए पकड़ लिया गया। वो भी एक ग्राहक से नही बल्कि लगभग एक घण्टे में टिकट खरीदने वाले अनगिनत ग्राह्नको के साथ यही हुआ। उनकी आंखों में धूल झोंक कर उनके जेब पर डकैती की जा रही है। किसी को चेंज देने के नाम पर तो किसी से लेन-देन के नाम पर। खुलासा होने के बाद झूला संचालकों में हड़कंप मच गया। आप को बताते चले कि ददरी मेला में प्रयागराज से बलिया आये संगम इंटर प्राइजेज को झूला लगाने का ठेका मिला है और टेंडर नेहाल के नाम से है। मिली जानकारी के मुताबिक संगम इंटरप्राइजेज ने जीएसटी कर देने के साथ ही कुल 96 लाख में जमीन लिया है जिसपर केवल झूला लगाना है। आप ने मेले में चोर उच्चको के बारे में खूब सुना होगा या उनके शिकार भी हुए होंगे लेकिन यहाँ मिली भगत से सीधा डकैती हो रही है।

 

संगम इंटरप्राइजेज द्वारा पान वाले से, पकौड़ी वाले से यानी जितनी भी छोटी-छोटी दुकाने लागी है उन प्रत्येक दुकानदारों से अपनी जमीन पर दुकान लगाने के लिए 20 हजार, किसी से 25 हजार तो किसी से 30 हज़ार रुपये की वसूली की गई है जो सीधा डकैती प्रतीत हो रहा है साहब, अगर ऐसा है तो फिर प्रशासन ने जमीने किसको बेची है ये बड़ा सवाल है।

झूला केंद्र पर जब टिकट बेचने वाले को रंगे हाथ पकड़ा गया तो मौके पर हो हल्ला मचा गया लेकिन तब तक सबकुछ कैमरे में कैद था। झूले का टिकट खरीदने वाले एक ग्राहक ने इसकी पुलिस से शिकायत की तो उसका पैसा तत्काल वापस किया गया इसके अलावा अन्य ग्राह्नको ने भी आवाज उठाई और उनका भी पैसा वापस किया गया वही झूला संचालक बयान देने से भागता नजर आया।

झूला का टिकट बेचने वाले एक युवक ने बताया कि मैंने इन झूला संचालको के साथ काम किया है इन लोगो के द्वारा 10 परसेंट की सेटिंग टिकट बेचने वालों से की जाती है। जितने का टिकट बिकेगा उससे 10 परसेंट अधिक मालिक को देना होगा। सूत्रों की माने तो एक अनुमान के मुताबिक प्रत्येक झूला के टिकट काउंटर से प्रति दिन 30 से 40 हज़ार रुपये ग्राह्नको की आंखों में धूल झोल कर लिए जाते है जिसके हिस्सेदार कई होते है। सूत्रों की माने तो टप्पेबाजी का ये खेल 50-50 तक का होता है जीतने भी झूले लगे है उन सभी का टिकट बेचने वाला टप्पेबाज या यूं कहें तो डकैत से कम नही होता है।


इस मामले पर जब मेले के नोडल अधिकारी आत्रेय मिश्रा को फोन लगाया तो उनका फोन नही उठा वही इस मामले पर झूले और स्टैंड के नोडल अधिकारी व सभासद अमित जी से पूछा गया तो उन्हों ने झूला संचालक के खिलाफ तहरीर देकर एफआईआर दर्ज कराने की बात कही कहा जिनके कंधे पर इसकी जिम्मेदारी है उन्ही के मिलीभगत से ये खेल हो रहा है कहा ये सीधे-सीधे डकैती ही है जिसे हम स्वीकर नही कर सकते इस मामले की जांच कर कार्यवाही की मांग किया और मेले में आने वाले लोगो से सावधान रहने की अपील किया।

अब सवाल उठता है कि ऐसे लोगो को जिला प्रशासन ने टेंडर कैसे और क्यों दिया जो मेले को बदनाम करने के साथ ही मेले में आने वाले लोगो के जेब पर सीधा डाका डालते है। इस खुलासे के बाद जांच के घेरे में अब केवल झूला संचालक ही नही बल्कि जिला प्रशासन भी है क्योंकि ताली एक हाथ से नही बजती। इस लिए आप को सावधान होने की जरूरत है क्योंकि ददरी मेला इस बार डकैतों के हाथ मे है। अब देखना होगा कि बलिया के डीएम लक्षकार साहब किस किस पर एफआईआर कराते है या फिर लोगो को लूटने के लिए छोड़ देते है।

रिपोर्ट-शशि कुमार
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