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UP News: 14 करोड़ के इंजेक्शन से बचेगी गम्भीर बीमारी से पीड़ित मासूम जैश्वी की जान, देखें रिपोर्ट

9 माह की मासूम जैश्वी को इलाज के लिए चाहिए 14 करोड रुपए



यूपी: गोरखपुर में 9 माह की एक मासूम बच्ची दुनिया की एक विशेष प्रकार की घातक बीमारी से जूझ रही है। बीमारी के इलाज हेतु बच्ची के माता-पिता ने सोशल मीडिया पर मदद की गुहार लगाई है। क्योंकि उसके इलाज के लिए जिस इंजेक्शन का इस्तेमाल होना है। उसकी कीमत 14 करोड रुपए बताई जा रही है। जो एक सामान्य परिवार के लिए सपने देखने जैसा है। वायु सेना में कार्यरत बच्ची के पिता का कहना है कि हमें प्रदेश और केंद्र सरकार से भी मदद की आश है। फिलहाल इस रकम का एक चौथाई हिस्सा भी कलेक्ट नहीं हो पाया है।


उत्तर प्रदेश के मैनपुरी निवासी प्रशांत सिंह जो वर्तमान में गोरखपुर वायु सेवा में कार्यरत है। जिनकी 9 माह की बेटी जैश्वी दुनिया की एक सबसे घातक बीमारी "स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी" से ग्रसित है। जैश्वी के माता-पिता बच्ची की समस्या को देखकर बेहद परेशान है। क्योंकि डॉक्टर के अनुसार इस बीमारी में पीड़ित बच्चे के मसल्स, हड्डियां कमजोर होती हैं। जिसका असर तंत्रिका तंत्र पर भी पड़ता है। शरीर का  विकास भी नहीं होता। जिसकी वजह से उन्हें चलने फिरने और खड़े होने तक में परेशानी होती है। धीरे-धीरे यह बीमारी फेफड़े, लीवर और हार्ट तक को अपने गिरफ्त में ले लेती है। जिससे बच्चों की मौत तक हो जाती है। इसका इलाज भी आसान नहीं है। इस बीमारी के लिए एक विशेष प्रकार की zolgensma नामक थेरेपी की आवश्यकता होती है।  एक इंजेक्शन भी लगाया जाता है, जिसकी कीमत 14 करोड रुपए बताई जा रही है। जैश्वी के माता-पिता का कहना है कि हमने पब्लिक फंडिंग के माध्यम से अब तक एक करोड़ 70 लाख रुपए जुटाये हैं। जो नाकाफी है। अभी भी हमें बहुत बड़ी रकम की आवश्यकता है। इसके लिए प्रदेश और केंद्र सरकार से भी पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है। लोगों का समर्थन भी मिल रहा है। बावजूद इसके इतनी बड़ी रकम को जुटा पाना संभव नहीं दिखता। लेकिन जहां चाह है वही राह है। इसी सिद्धांत और आश को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं।


बच्ची के पिता प्रशांत वायु सेना में कार्यरत है। पूरा परिवार ही भारतीय सेना से लेकर पुलिस में अपनी सेवाएं दे रहा है। प्रशांत सिंह के अनुसार उनके पिताजी भी भारतीय वायुसेना में नौकरी कर चुके हैं। जैश्वी की मां मायूसी और आंख में आंसू लिए कहती हैं कि बच्ची अभी छोटी है। अभी तो उसकी मुस्कुराहट देखकर सब कुछ अच्छा लगता है, लेकिन जैसे-जैसे उसकी उम्र बढ़ेगी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। उसके मासूम चेहरे को देखकर दिल बहुत दुखता है।


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