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शिक्षा में बाजारीकरण के विरोध में मेधा ने अधिवक्ताओं से मांगा सहयोग

 


जारी रहेगा जन जागरण अभियान- दीन दयाल तिवारी
बस्ती । ‘ सारे बच्चे राष्ट्र धरोहर, सबकी शिक्षा एक समान, जिसकी जैसी-जैसी मेधा उसका वैसा हो सम्मान’ का संदेश लेकर बुधवार को मेधा पार्टी के केन्द्रीय प्रवक्ता दीन दयाल तिवारी ने कचहरी में अधिवक्ताओं को पत्रक देकर जन जागरूकता अभियान चलाते हुये सहमति पत्र भरमाया।
अधिवक्ताओं से संवाद के दौरान दीन दयाल तिवारी ने  अधिवक्ताओं को शिक्षा के कालाबाजारी और बाजारीकरण में सुधार के लिये जन सहयोग मांगा। कहा कि शिक्षा के बाजारीकरण एवं शोषणकारी व्यवस्था में सुधार हो इसके लिये मेधा संस्थापक अध्यक्ष  लक्ष्मीकांत शुक्ल पूर्व आईएएस ने संघर्ष करते हुए उच्च न्यायालय से उच्चतम न्यायालय तक विजय हासिल कर गरीबों को मुफ्त शिक्षा पाने का हक दिलाया। दशमोत्तर कक्षाओं में सभी शिक्षण, प्रशिक्षणं संस्थानों में सभी जातियों को अनुसूचित एवं जनजाति की भांति फीस भरपाई एवं वजीफे का हक दिलाया। निजी शिक्षण संस्थानों में 6 वर्ष से 14 वर्ष तक गरीब बच्चों को निःशुल्क प्रवेश 25ः सीट का हक दिलाया, इसके बावजूद अभी  तक शत प्रतिशत लाभार्थियों को लाभ नहीं मिल रहा है।
दीन दयाल तिवारी ने कहा कि निजी शिक्षण संस्थानों के द्वारा प्रत्येक वर्ष मनमानी तरीके से फीस वसूली एवं मनमानी ढंग से किताबों में बदलाव एवं मनमानी तरीके से प्रत्येक वर्ष रजिस्ट्रेशन शुल्क की वसूली एवं कपड़े से लेकर किताब कॉपी के अलावा अन्य वस्तुएं तक निश्चित दुकानों पर ही मिलती है । ऐसी स्थिति में मेधा पार्टी शिक्षा के बाजारीकरण एवं शोषणकारी व्यवस्था के खिलाफ शिक्षा क्षेत्र में  शोषण खत्म करने की दिशा में जन जागरुकता अभियान शुरू किया है। कहा कि जागरूकता से ही शिक्षा के बाजारीकरण पर अंकुश लग सकेगा।
सम्पर्क और सहमति पत्र भराने के दौर दीन दयाल तिवारी के साथ मुख्य रूप से उमेश पाण्डेय ‘मुन्ना’ रूद्र आदर्श पाण्डेय, राहुल त्रिपाठी, अंशु चौरसिया आदि शामिल रहे। 

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