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धनतेरस पर लोगों ने जमकर की खरीदारी, जाम के झाम ने किया परेशान

 कुदरहा:  मंगलवार को धनतेरस के अवसर पर कुदरहा बाजार में समान खरीददारों की दिनभर भीड़ लगी रही लोग अपनी जरूरत के हिसाब से तरह-तरह के समान खरीद रहे थे। दुकानदार सुबह से ही अपने दुकानों में को सजाने में लग गए थे। धनतेरस के मौके पर बाजार में काफी चहल-पहल देखने को मिला और लोगों ने जमकर खरीदारी की।



          कार्तिक माह शुरू होते ही त्योहारों का सीजन शुरू हो जाता है। धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली भैया दूज छठ आदि त्यौहार लगातार मनाए जाते हैं। इसी क्रम में मंगलवार को धनतेरस का त्यौहार होने के नाते लोगों की भीड़ और सजी हुई दुकानों ने बाजार की रौनक को बढ़ा दिया।

     बाजारों में सुबह से लेकर शाम तक लोगों की भीड़ लगी रही। लोग अपने पसंदीदा दुकानों पर पहुंचकर अपने जरूरत के सामानों की जमकर खरीदारी की। ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार किसी भी रूप में चांदी व अन्य धातु खरीदना अति शुभ माना जाता है।


 क्यों मनाया जाता है धनतेरस का त्योहार

 


  भारतीय संस्कृति में स्वास्थ्य का स्थान धन से ऊपर माना जाता रहा है। यह कहावत आज भी प्रचलित है कि 'पहला सुख निरोगी काया, दूजा सुख घर में माया' इसलिए दीपावली में सबसे पहले धनतेरस को महत्व दिया जाता है। जो भारतीय संस्कृति के हिसाब से बिल्कुल अनुकूल है। 

 

शास्त्रों में वर्णित कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए। मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि विष्णु के अंशावतार हैं। संसार में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए ही भगवान विष्णु ने धन्वंतरि का अवतार लिया था। भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने के उपलक्ष्य में ही धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है।

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