UP Newa: अपनी ही सरकार के आदेश के विरोध में उतरे भाजपा एमएलसी, आनलाइन हाज़िरी वापस लेने की मांग
आनलाइन हाजिरी का आदेश वापस ले सरकार- देवेन्द्र प्रताप सिंह
बस्ती, 15 जुलाई। गोरखपुर फैजाबाद स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के विधन परिषद सदस्य देवेन्द्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर आनलाइन का मुद्दा बड़ी प्रखरता से उठाया। उनके प्रतिनिधि हरीश सिंह ने यह जानकारी दी। एमएलसी ने कहा नौकरशाहों के फैसले सरकार को बदनाम कर रहे हैं। पूर्व के चुनाव में अनापेक्षित परिणामों की एक खास वजह ये भी रही है। वर्तमान में ऑनलाइन हाजिरी को लेकर पूरे प्रदेश का शिक्षक समाज आन्दोलित है और उनमे आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों का योगदान कभी भुलाया नही जा सकता। कोविड काल में 1621 शिक्षक असमय काल के गाल में समां गये थे। इन्ही शिक्षकों ने पेलियो में भारत के योगदान को विश्व रिकार्ड में दर्ज कराया। शिक्षकों का कार्य बच्चों को पढ़ाना है लेकिन इनसे 30 से ज्यादा गैर शक्षिक कार्य कराये जाते हैं जिसके बदले उन्हे कोई अतिरिक्त भुगतान नही किया जाता। विचारणीय है, शिक्षक मशीन नही है। उससे अतिरिक्त कार्य कराने का मतलब उनका दोहन करना है। इससे शिक्षा की कड़ी कमजोर होती है।
विधान परिषद सदस्य ने यह भी कहा है कि शिक्षा विभाग के अलवा दूसरे विभागों में आनलाइन की व्यवस्था क्यों नही लागू की जाती। विगत दिनों महानिदेशक शिक्षा कार्यालय में 85 कर्मचारी अनुपस्थित पाये गये, क्या उस कार्यालय में आनलाइन हाजिरी लागू किया गया। देवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा व्यापक जनहित को देखते हुये आनलाइन हाजिरी का आदेश वापस लेना होगा। श्री सिंह ने तदर्थ शिक्षकों का भी मुद्दा प्रमुखता से उठाया। देवेन्द्र प्रताप सिंह की इस पहल का शिक्षक नेता अभय यादव ने स्वागत किया है। उन्होने कहा सरकार शिक्षा के क्षेत्र में नित नये प्रयोगों से पूरे समाज को आन्दोलित कर रखा है। सरकार को आनलाइन हाजिरी का फैसला हर हाल में वापस लेना होगा।
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