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Ballia: तो क्या पुलिस हमलावरों को बचाना चाहती है ?

बलिया: जहां एक तरफ बलिया में पुलिसिया कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे, बाँसडीह में थाने के सामने हत्या हो जाती है। नरही में ट्रको से अवैध वसूली मामले में डीआईजी खुद छापेमारी कर कार्रवाई करते है बावजूद बलिया के दोकटी थाने के थाना प्रभारी पर हत्या के प्रयास मामले में तहरीर बदल कर आरोपियों को बचाने का आरोप लग रहा है। सिर और हाथ मे पट्टी बांधे यह युवक आशुतोष गुप्ता है जो पेशे से एक व्यापारी है इनका आरोप है कि पूर्व में एक मामूली विवाद को लेकर मेरे ऊपर चार लोगों के द्वारा 16 जुलाई की शाम दाव और फरसे से जानलेवा हमला कर मुझे बुरी तरह घायल कर दिया गया था। आशुतोष का आरोप है कि दोकटी पुलिस को चारों हमलावरों के नाम से तहरीर दिया गया लेकिन पुलिस ने पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह के दबाव में दो मुख्य आरोपियों का नाम हटा दिया। राजनीतिक और पैसे के बल पर पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया। बताया न्याय के लिए कई बार एसपी से मिले लेकिन कोई कार्रवाई नही हुआ। वही आज फिर नवागत एसपी से मिलकर पीड़ित युवक ने न्याय की गुहार लगाई है वही पीड़ित युवक के चाचा ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि हम बनिया हैं और हमारे क्षेत्र में व्यापारी सुरक्षित नही है आये दिन इस तरह की घटनाएं हो रही है मेरे भतीजे पर जानलेवा हमला हुआ है और पुलिस आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है यदि हमे न्याय नही मिला तो व्यापारी संगठन आंदोलन के लिए बाध्य होंगे और थाना क्षेत्र का लाल गंज बाजार को बंद कराकर आंदोलन के लिए बाध्य होंगे और मुख्यमंत्री तक जाएंगे।
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