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घटा घाघरा और सरयू नदी का जलस्तर तो होने लगी कटान,अपने मकानों पर खुद ही हथोड़ा चलने को मजबूर ग्रामीण

 घटा घाघरा और सरयू नदी का जलस्तर तो होने लगी कटान


अपने मकानों पर खुद ही हथोड़ा चलने को मजबूर ग्रामीण






महसी व शिवपुर ब्लॉक क्षेत्र में एक सप्ताह में दूसरी बार आई बाढ़ का पानी बृहस्पतिवार को निकल चुका है। लेकिन मार्ग अभी भी अवरुद्ध हैं। जिससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। जलस्तर कम होते ही सरयू नदी ने कटान शुरू कर दी है। तीन ग्रामीणों के मकान नदी में समाहित हो गए।

गांवों से पानी निकलने के बाद बाढ़ प्रभावित लोगों की मुसीबत अभी कम नहीं हुई हैं। रोजमर्रा की चीजों को लाने के लिए या तो नाव का सहारा लेना पड़ता है या पानी के बीच से होकर जाना पड़ता है। प्रशासन की ओर से कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। लिहाजा बाढ़ पीड़ित खुद अपना रास्ता खोज रहे है। महसी ब्लाॅक क्षेत्र के केवलपुर, लीलापुरवा, गरेठी गुरुदत्त सिंह, चुरईपुरवा, पचदेवरी सहित दर्जनों गांव तो वहीं शिवपुर ब्लाॅक क्षेत्र के बौंडी, बल्दूपुरवा, गड़रियन पुरवा, अंबरपुर, तिगडा, मांझा दरिया बुर्द, टिकान पुरवा आदि गांव प्रभावित हुए हैं।



वहीं विकास खंड शिवपुर के ग्राम पंचायत बौंड़ी में बृहस्पतिवार को सरयू नदी ने परशुराम का पक्का मकान हंशा, सम्मारी की झोपड़ी को अपनी धारा में समाहित कर लिया। नायब तहसीलदार शिवपुर हर्षित कुमार पांडेय व क्षेत्रीय लेखपाल प्रदीप कुमार ने मौके पर जाकर कटान का जायजा लिया। लेखपाल ने बताया कि कटान पीड़ित परिवारों की रिपोर्ट तहसील प्रशासन को भेज दिया गया है। जल्द ही मुवावजा मिलेगा


वही न्याय पंचायत कारीकोट के सुजौली और जंगल गुलरिहा ग्रामसभा के दो दर्जन से ज्यादा गांव घाघरा नदी के बाढ़ से प्रभावित हुए हैं वहीं इस दौरान किसानों की धान की फसल भी बर्बाद हो गई है किसानों के मुताबिक पिछले 20 दिनों में किसानों ने दो बार घाघरा नदी की बाढ़ का सामना किया है


वही घाघरा नदी का जलस्तर कम होते ही घाघरा नदी में गुप्ता पुरवा ,तुलसी पुरवा , मोहरवा के पास कटान भी चालू कर दी है जिससे उपजाऊ भूमि नदी में समाहित हो रही है 




कटान पीड़ितों को आशियाने की तलाश

शिवपुर ब्लाॅक क्षेत्र के पसियन पुरवा, चमरहिया व मास्टर पुरवा में सरयू नदी की धारा में कई आशियाने समाहित हो गए। तो कई आसियानों को खुद गृह स्वामी को तोड़ने को मजबूर कर दिया। लिहाजा बेघर हुए कटान पीड़ित अब आशियाने की तलाश कर रहे हैं

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