Azamgarh
विज्ञान के बलबूते हम तरक्की की ओर बढ़ सकते हैं- संतोष श्रीवास्तव
रिर्पाेट-शैलेन्द्र शर्मा
आजमगढ़. युवा विकास समिति बस्ती व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा माडर्न पब्लिक स्कूल, भदुली, आजमगढ़ में लगायी गयी तीन दिवसीय विज्ञान प्रदर्शनी के दूसरे दिन आयोजित की गयी विभिन्न प्रतियोगिताओं में छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। विज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया गया।
इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद प्रतिनिधि और अभिनेता संतोष श्रीवास्तव नें कहा की बच्चों में वैज्ञानिक चेतना का विकास कर देश को विकास की राह पर अग्रसर कर सकते हैं।
उन्होंने कहा की विज्ञान के बलबूते हम तरक्की की ओर बढ़ सकते हैं। इसलिए विज्ञान विषय के प्रति छात्रों को एकाग्रता दिखाना जरूरी है। प्रदर्शनियों का उद्देश्य लोगों में विज्ञान के प्रति रुचि पैदा करना होता है। ।
विद्यालय के प्रबंधक वेद प्रकाश यादव ने कहा की इस प्रदर्शनी के जरिये बच्चों ने अपने अन्दर की वैज्ञानिक क्षमता का परिचय दिया है। जो यह साबित करता है बच्चों के अन्दर सीखने की ललक मौजूद हैं। प्रधानाचार्य सूरज कुमार पाठक नें की इस तरह के आयोजन का विज्ञान प्रसार के क्षेत्र में बड़ा योगदान होता है। उन्होंने कहा की यह प्रदर्शनी बच्चों में तर्क शक्ति का विकास करता है। राम मूर्ति मिश्र ने कहा विज्ञान प्रदर्शनी के माध्यम से छात्र-छात्राओं को समाज में व्याप्त अंधविश्वास व कथित सच्चाइयों का भी पता चलता है।
निर्णायक की भूमिका प्रशान्त, अरुण पाण्डेय, धर्मेन्द्र कुमार और राम मूर्ति मिश्र नें निभायी। इसके अलावा छात्रों को आपदा, वर्मी कम्पोस्ट, जैविक कृषि, विज्ञान के सरल प्रयोग मंत्रालय के योजनाओं की जानकारी भी दी गयी। औषधीय पौधो के विशेषज्ञ महेन्द्र मौर्य द्वारा औषधियों के महत्व व उनके उपयोग पर जानकारी दी गयी। विज्ञान के सरल प्रयोगो प्रशांत द्विवेदी त्रिपाठी ने करके दिखाते छात्रों को उनका दैनिक जीवन में उपयोग भी बताया। इसके उपरान्त बच्चों के आँखों की जांच भी की गयी ।जिसमे कुल 78 बच्चों को सलाह भी प्रदान की गई। प्रदर्शनी में बच्चों ने औषधीय पौधों आपदा प्रबंधन आदि के बारे में जाना । इस अवसर प्रमुख रूप सुशील कुमार यादव, आशीष यादव, इंद्र बहादुर यादव, मनु पाण्डेय, सौरभ पाण्डेय, नीलम पाठक, स्वीटी सिंह अर्चना पाठक, रेनू सिंह,शिव नाथ यादव, धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय सहित अनेकों लोग मौजूद रहे।
विज्ञान प्रदर्शनी में मे अंधविष्वास कुरीतियों व चमत्कारों से गया पर्दा
युवा विकास समिति बस्ती द्वारा राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद्, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार लगाईं गई विज्ञान प्रदर्शनी मेले में आने वाले लोगो को जागरूक किया जा रहा है। इस प्रर्दशनी के माध्यम से गाँवों में में ब्याप्त अंधविश्वास , कुरीतियों, पोगा पंथ पर चमत्कारों की व्याख्या करके उसके वास्तविकता से पर्दा उठाया जा रहा हैं। चमत्कारों के व्याख्याता बृहस्पति कुमार पाण्डेय नें बताया कि अंधविश्वास के चक्कर में पड़कर लोग शारीरिक आर्थिक व मानसिक रूप से परेशान किये जाते है और जनता तांत्रिको द्वारा दिखाये जाने वाले कथित चमत्कारों के चक्कर में पड़ कर लुटती रहती है। कभी-कभी इसी झाड़-फूंक के चक्कर में जान भी गवानी पड़ती है। इस विज्ञान मेले में तथाकथित चमत्कारों जैसे झाड़-फूंक खाली हाथ से भभूत निकालना, भूत पकडने जैसी चमत्कारों के वास्तविकता से पर्दा हटाने का काम किया जा रहा है। बृहस्पति कुमार पाण्डेय नें बताया कि जो भी चमत्कारी खाली हाथ से भभूत निकालते है उसमें कोई चमत्कार नही होता है बल्कि वह हाथ की सफाई होती है। जिसमें कंडे की राख और चावल की माड़ से बनी गोलियों को अंगूठे के बीच दबा कर तथा कथित तांत्रिक निकालते है। उनसे कहिये कि वे राख की भभूत की बजाय सेव, लौकी, कद्दू आदि निकाले ऐसा करने पर ढ़ोगियों की पोल खुद ब खुद खुल उन्होंने बताया कि कुछ ढ़ोगी भूत पकड़ने के लिए नाड़ी देखते समय फेनाफथ्लिन नामक पाउडर लगाकर बाद में चूना लगा कर हाथ लाल कर देते है। जिसे तथाकथित ढ़ोगी लोग भूत का साया बताते है। फिर ढ़ोगियों द्वारा भूत के अंत्येष्ठी के नाम पर तमाम अनुष्ठान करने का प्रपंच कर के भूत को नारियल में पकड कर उसे आत्म शक्ति द्वारा जलाने का ढ़ोग किया जाता है। जब कि पहले से ही नारियल में पोटैशियम परमैग्नेट छुपा कर उस पर घी के नाम पर ग्लिसरीन डाला जाता है जिससे नारियल जलने लगता जिसे लोग आत्मशक्ति से भूत का जलना समझते है। इसी प्रकार कपूर के जीभ पर जलने के पीछे भी वैज्ञानिक तथ्य काम करता है क्यों कि कपूर सीधे ठोस अवस्था से गैस अवस्था में परिवर्तित होता है और जीभ गीली होने और बाहर रहने की वजह से हमारी जीभ नही जलती है। जिसे लोग व्यक्ति के शरीर में किसी दैवीय शक्ति का वास समझते हैं।
इन सभी चमत्कारों से पर्दा हटा कर लोगो में वैज्ञानिक सोच व तर्क शक्ति को बढ़कर उन्हे विकसित समाज के मुख्य धारा में जोड़ना ही इस विज्ञान प्रदर्शनी का उद्देश्य है। इसके अलवा प्रर्दशनी में जैविक तकनीक, आपदाओं से बचाओं की विधि, वर्मी कम्पोस्टिंग, स्वास्थ्य व पोषण एड्स, टी0बी0 जागरूकता इत्यादि पर भी जानकारी दी जा रही है।
दैनिक जीवन में प्रयोग किये जाने वाले पेय जल को स्वच्छ करने के तरीके पर भी बेहतर जानकारी देना इस प्रदर्शनी का उद्देश्य है। प्रदर्शनी में औषधीय पौधों की पहचान व महत्व से भी लोग रूबरू हो रहे है। इस पूरे प्रदर्शनी में भृगुनाथ त्रिपाठी, महेन्द्र मौर्य, प्रवीण कुमार गुप्ता व रविन्द्र नाथ त्रिपाठी मुख्य रूप से जानाकरी देने का काम कर रहे है इसके अलावा विषय विशेषज्ञों की भी राय ली जा रही है।
इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद प्रतिनिधि और अभिनेता संतोष श्रीवास्तव नें कहा की बच्चों में वैज्ञानिक चेतना का विकास कर देश को विकास की राह पर अग्रसर कर सकते हैं।
उन्होंने कहा की विज्ञान के बलबूते हम तरक्की की ओर बढ़ सकते हैं। इसलिए विज्ञान विषय के प्रति छात्रों को एकाग्रता दिखाना जरूरी है। प्रदर्शनियों का उद्देश्य लोगों में विज्ञान के प्रति रुचि पैदा करना होता है। ।
विद्यालय के प्रबंधक वेद प्रकाश यादव ने कहा की इस प्रदर्शनी के जरिये बच्चों ने अपने अन्दर की वैज्ञानिक क्षमता का परिचय दिया है। जो यह साबित करता है बच्चों के अन्दर सीखने की ललक मौजूद हैं। प्रधानाचार्य सूरज कुमार पाठक नें की इस तरह के आयोजन का विज्ञान प्रसार के क्षेत्र में बड़ा योगदान होता है। उन्होंने कहा की यह प्रदर्शनी बच्चों में तर्क शक्ति का विकास करता है। राम मूर्ति मिश्र ने कहा विज्ञान प्रदर्शनी के माध्यम से छात्र-छात्राओं को समाज में व्याप्त अंधविश्वास व कथित सच्चाइयों का भी पता चलता है।
निर्णायक की भूमिका प्रशान्त, अरुण पाण्डेय, धर्मेन्द्र कुमार और राम मूर्ति मिश्र नें निभायी। इसके अलावा छात्रों को आपदा, वर्मी कम्पोस्ट, जैविक कृषि, विज्ञान के सरल प्रयोग मंत्रालय के योजनाओं की जानकारी भी दी गयी। औषधीय पौधो के विशेषज्ञ महेन्द्र मौर्य द्वारा औषधियों के महत्व व उनके उपयोग पर जानकारी दी गयी। विज्ञान के सरल प्रयोगो प्रशांत द्विवेदी त्रिपाठी ने करके दिखाते छात्रों को उनका दैनिक जीवन में उपयोग भी बताया। इसके उपरान्त बच्चों के आँखों की जांच भी की गयी ।जिसमे कुल 78 बच्चों को सलाह भी प्रदान की गई। प्रदर्शनी में बच्चों ने औषधीय पौधों आपदा प्रबंधन आदि के बारे में जाना । इस अवसर प्रमुख रूप सुशील कुमार यादव, आशीष यादव, इंद्र बहादुर यादव, मनु पाण्डेय, सौरभ पाण्डेय, नीलम पाठक, स्वीटी सिंह अर्चना पाठक, रेनू सिंह,शिव नाथ यादव, धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय सहित अनेकों लोग मौजूद रहे।
विज्ञान प्रदर्शनी में मे अंधविष्वास कुरीतियों व चमत्कारों से गया पर्दा
युवा विकास समिति बस्ती द्वारा राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद्, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार लगाईं गई विज्ञान प्रदर्शनी मेले में आने वाले लोगो को जागरूक किया जा रहा है। इस प्रर्दशनी के माध्यम से गाँवों में में ब्याप्त अंधविश्वास , कुरीतियों, पोगा पंथ पर चमत्कारों की व्याख्या करके उसके वास्तविकता से पर्दा उठाया जा रहा हैं। चमत्कारों के व्याख्याता बृहस्पति कुमार पाण्डेय नें बताया कि अंधविश्वास के चक्कर में पड़कर लोग शारीरिक आर्थिक व मानसिक रूप से परेशान किये जाते है और जनता तांत्रिको द्वारा दिखाये जाने वाले कथित चमत्कारों के चक्कर में पड़ कर लुटती रहती है। कभी-कभी इसी झाड़-फूंक के चक्कर में जान भी गवानी पड़ती है। इस विज्ञान मेले में तथाकथित चमत्कारों जैसे झाड़-फूंक खाली हाथ से भभूत निकालना, भूत पकडने जैसी चमत्कारों के वास्तविकता से पर्दा हटाने का काम किया जा रहा है। बृहस्पति कुमार पाण्डेय नें बताया कि जो भी चमत्कारी खाली हाथ से भभूत निकालते है उसमें कोई चमत्कार नही होता है बल्कि वह हाथ की सफाई होती है। जिसमें कंडे की राख और चावल की माड़ से बनी गोलियों को अंगूठे के बीच दबा कर तथा कथित तांत्रिक निकालते है। उनसे कहिये कि वे राख की भभूत की बजाय सेव, लौकी, कद्दू आदि निकाले ऐसा करने पर ढ़ोगियों की पोल खुद ब खुद खुल उन्होंने बताया कि कुछ ढ़ोगी भूत पकड़ने के लिए नाड़ी देखते समय फेनाफथ्लिन नामक पाउडर लगाकर बाद में चूना लगा कर हाथ लाल कर देते है। जिसे तथाकथित ढ़ोगी लोग भूत का साया बताते है। फिर ढ़ोगियों द्वारा भूत के अंत्येष्ठी के नाम पर तमाम अनुष्ठान करने का प्रपंच कर के भूत को नारियल में पकड कर उसे आत्म शक्ति द्वारा जलाने का ढ़ोग किया जाता है। जब कि पहले से ही नारियल में पोटैशियम परमैग्नेट छुपा कर उस पर घी के नाम पर ग्लिसरीन डाला जाता है जिससे नारियल जलने लगता जिसे लोग आत्मशक्ति से भूत का जलना समझते है। इसी प्रकार कपूर के जीभ पर जलने के पीछे भी वैज्ञानिक तथ्य काम करता है क्यों कि कपूर सीधे ठोस अवस्था से गैस अवस्था में परिवर्तित होता है और जीभ गीली होने और बाहर रहने की वजह से हमारी जीभ नही जलती है। जिसे लोग व्यक्ति के शरीर में किसी दैवीय शक्ति का वास समझते हैं।
इन सभी चमत्कारों से पर्दा हटा कर लोगो में वैज्ञानिक सोच व तर्क शक्ति को बढ़कर उन्हे विकसित समाज के मुख्य धारा में जोड़ना ही इस विज्ञान प्रदर्शनी का उद्देश्य है। इसके अलवा प्रर्दशनी में जैविक तकनीक, आपदाओं से बचाओं की विधि, वर्मी कम्पोस्टिंग, स्वास्थ्य व पोषण एड्स, टी0बी0 जागरूकता इत्यादि पर भी जानकारी दी जा रही है।
दैनिक जीवन में प्रयोग किये जाने वाले पेय जल को स्वच्छ करने के तरीके पर भी बेहतर जानकारी देना इस प्रदर्शनी का उद्देश्य है। प्रदर्शनी में औषधीय पौधों की पहचान व महत्व से भी लोग रूबरू हो रहे है। इस पूरे प्रदर्शनी में भृगुनाथ त्रिपाठी, महेन्द्र मौर्य, प्रवीण कुमार गुप्ता व रविन्द्र नाथ त्रिपाठी मुख्य रूप से जानाकरी देने का काम कर रहे है इसके अलावा विषय विशेषज्ञों की भी राय ली जा रही है।
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