बलिया: राजनीति के भेट चढ़े सैकड़ों पटरी दुकानदार
गज़ब की राजनीति है साहब एक तरफ अपनी जीविका के लिए पटरी दुकानदार अपनी लड़ाई लड़ रहा है वही दूसरी तरफ पटरी दुकानदारों की लड़ाई लड़ने वाला संगठन शासन-सत्ता में बैठे उन लोगो के खिलाफ बोलने से बच रहा है जिनके द्वारा बिना स्थायी जगह दिए शहर के स्टेशन रोड और चौक में जीविकोपार्जन करने वाले पटरी दुकानदारों को हटा दिया गया। पटरी दुकानदार समिति के अध्यक्ष विकास लाला पांडेय ने कहा कि हम भी भाजपाई है और नगर पालिका के कर्मचारी उन पटरी दुकानदारों पर जुल्म ढाह रही है जिसे योगी मोदी जी प्रोत्साहन राशि या ऋण देकर आगे बढ़ाना चाहते है। अध्यक्ष जी ने कहा कि नपा के कर्मचारियों द्वारा बिना किसी सूचना और आधिकारिक आदेश के लूट पाट कर ढेला व पटरी दुकानदारो को प्रताड़ित किया जा रहा है। सायद अध्यक्ष जी को याद ही नही कि नपा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष भी भाजपा के है और उनका एक ही उद्देश्य है परिवहन मंत्री के नेतृत्व में नगर को स्मार्ट सिटी बनाना, नपा अध्यक्ष ने पहले ही पटरी दुकानदारो को ओकडेनगंज चौकी में अल्टीमेटम दिया था दुकान हटाने को तो नपा कर्मचारियों पर लूट पाट का आरोप लगाना गलत राजनीति को दर्शाता है क्योंकि नपा के कर्मचारी सिर्फ कर्मचारी है और कर्मचारी अपने विभाग के आधिकारिक आदेश का पालन करता है। नपा के अध्यक्ष भी भाजपाई और पटरी दुकानदार समिति के अध्यक्ष भी भाजपाई सायद सच बोलने में गला फस रहा होगा क्योंकि कोई एक ही दल के दो दिग्गज विरोधी कैसे होंगे। पटरी दुकानदारों की लड़ाई में अपना दल एस भी शामिल है जिसका भाजपा के साथ गठबंधन है। एक तरफ ट्रिपल इंजन की सरकार नगर को स्मार्ट सिटी बनाना चाहता है दूसरी तरफ पटरी दुकानदार समिति हक की लड़ाई लड़ना चाहता है और अपने ही ट्रिपल इंजन के खिलाफ बोलने से कतराता नज़र आ रहा है। यानी सीधे तौर पर संगठन के लोग आफत में पड़े पटरी दुकानदारों के बीच उनके जीविका के साथ राजनीति और खिलवाड़ कर रहा है।
इसमें कोई दो राय नही कि नगर पालिका परिषद बलिया भ्रष्टाचार का बड़ा अड्डा है नतीजन नगर को नरक बनाने में कोई कोर कसर नही छोड़ा। अतिक्रमण, नाली-नाला, पानी की समस्या, पार्किंग की समस्या, गन्दगी जैसे तमाम मुद्दों के कारण नगर नरक में तब्दील है। बिना कोई स्थायी जगह चिन्हांकन किये पटरी दुकानदारों को इस आग लगी महंगाई में स्मार्ट सिटी के नाम पर पेट पर लात मारा गया। सच तो ये है कि नगर के सुंदरी करण को लेकर नपा के पास कोई ब्लूप्रिंट है ही नही और सत्ता के साथ रहने वाले गरीबो के रहनुमा सत्ता के खिलाफ बोलेंगे नही तो उनका हक और अधिकार दिलायेगा कौन, सरकार ने निश्चित समाज के विकास के लिए बेहतर कदम उठा रही है। अंतिम व्यक्ति तक पहुंच कर सरकारी योजनाओं को पहुंचाने का प्रयास कर रही है लेकिन सच ये भी है कि सत्ता में बैठे कुछ लोग ही सरकार को धूमिल करने का प्रयास कर रहे है। जिसका शिकार आज नगर के पटरी दुकानदार है।
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