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अमर हुतात्मा उधम सिंह हमेशा भारतीय युवकों के प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे-ओम प्रकाश आर्य


 बस्ती: 13 मार्च 1940 को जनरल डायर को मारकर ऊधम सिंह ने जालिया वाला बाग हत्याकांड का बदला लिया था। इस दिवस को स्वामी दयानंद विद्यालय सुर्तीहट्टा के बच्चों ने *उधमसिंह शौर्य दिवस* के रूप मनाया। इस अवसर पर उनकी शौर्य गाथा प्रस्तुत कर बच्चों एवं शिक्षकों ने महान क्रांतिकारी को याद कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रबंधक ओम प्रकाश आर्य व प्रधानाध्यापक आदित्य नारायण ने बताया कि अमर हुतात्मा उधम सिंह का साहस, देशभक्ति की भावना, शहादत व मानवता हर किसी को प्रेरणा देती है। वे हमेशा भारतीय युवकों के प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे। 13 अप्रैल, 1919 को अमृतसर में जलियांवाला बाग के नृशंस हत्याकांड की टीस उन्होंने वर्षों तक सही। इस घटना के 21 साल बाद साम्राज्यवादी देश ब्रिटेन की राजधानी लंदन में रॉयल सेंट्रल एशियन सोसायटी के काक्सटन हाल में 13 मार्च, 1940 को आयोजित एक समारोह में माईकल ओडवायर, जो हत्याकांड के समय पंजाब का गवर्नर था, पर गोलियां दाग दी। ओडवायर की मौके पर ही मौत हो गई। उधम सिंह ने यहां अपनी गिरफ्तारी दे दी। मुकदमे में उधम सिंह को हत्या का दोषी ठहराया गया और 31 जुलाई, 1940 को उसे पेंटनविले जेल में फांसी दे दी गई। इस अवसर पर शिक्षक अनूप कुमार त्रिपाठी नीतीश कुमार, दिनेश मौर्य, अनीशा मिश्रा, साक्षी, शिवांगी, कुमकुम, प्रियंका, आदि ने अमर हुतात्मा के अदम्य साहस व वीरता के बारे में बच्चों को बताया। विद्यालय के बच्चों ने इस अवसर पर उधम सिंह की शौर्य गाथा गीत व भाषण के माध्यम से व्यक्त किया।

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